JAWAHAR NOVODAYA VIDYALAYA

 TRAVELING IS BOTH RECREATIONAL AND EDUCATIVE. IT HAS ALAWAYS BEEN REGERDED AS AN INPORTANT PART OF EDUCATION. IN EUROPE ,A YOUNG MAN IS CONSIDERED FULLY EDUCATED ONLY WHEN WE HAS TRAVELLED THROUGH MANY COUNTRIES IN EUROPE. IN ANCIENT INDIA ALSO, OUR SAGES UNDERSTOOD THR GREAT VALUE OF TRAVELLING. THEY MADE IT A PIOUS DUTY OF THE VISIT VARIOUS PILGRIM CENTRES SITUATRD IN DIFFERENT PARTS OF INDIA. THIS ENCOURAQGED THE FELLING OF THE ONEWNESS AMONG INDIAN.


1. IT IS INPORTANT TO ... IF ONE WANTS TO GETL.

ANS.   (a) STUDY                                   (b) WORK 

            (c)TRAVEL                                  (d)MEDITATE

2. WHICH ONE OF THE FOLLOWING WORDS IS A SYNONYM OF ''RECREATIONAL.

ANS.   (a)EDUCATIONAL                      (b)THRILLING 

             (c)TIRING                                    (d)SIGHT-SEEING

3.A SAGE IS A PERSON WHO IS .........................

ANS.    (a) LEARND                                 (b)SMART 

             (c)FREE                                         (d)WICKED  



महाकुंभ पर्व 2025 आस्था संस्कृति और सनातन एकता संगम का प्रतीक है मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को पहले अमृत स्नान करते हुए नागा साधु एवं श्रद्धालु

महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक हो रहा है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करेंगे।


सरकारी व्यवस्थाएं:

महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं, जिनमें शामिल हैं:

 श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल, सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की व्यवस्था की गई है

 मेले में चिकित्सा शिविर, एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

 सड़क, रेल और जल परिवहन के माध्यम से सुगम यातायात के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।

 स्वच्छता बनाए रखने और पेयजल की निरंतर आपूर्ति के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।

शाही  स्नान महाकुंभ का प्रमुख आकर्षण है, जिसमें नागा साधु और विभिन्न अखाड़ों के संत भव्य जुलूस के साथ संगम में स्नान करते हैं। यह स्नान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसकी तिथियां ग्रहों की स्थिति के आधार पर निर्धारित होती हैं। 

NAVBHARAT TIMES

नागा साधु वे सन्यासी होते हैं जिन्होंने संसारिक जीवन का त्याग कर दिया है और कठोर तपस्या करते हैं। वे नग्न रहते हैं और शरीर पर भस्म लगाते हैं। महाकुंभ के दौरान वे शाही स्नान में भाग लेते हैं और 17 प्रकार के विशेष श्रृंगार करते हैं। 

ABP NEWS

नागा साधुओं की साधना और हठयोग:

नागा साधु कठोर साधना और तपस्या के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी साधना में हठयोग का महत्वपूर्ण स्थान है, जिसमें शारीरिक और मानसिक नियंत्रण के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार का प्रयास किया जाता है। हठयोग में आसन, प्राणायाम और ध्यान की विधियों का अभ्यास शामिल है, जो साधक को उच्च आध्यात्मिक अवस्थाओं तक पहुंचने में सहायता करता है।



भारतीय संस्कृति में आदर्श राजा, पुत्र, पति ,और भाई के रूप में पूजित भगवान श्री रामचंद्र जी का संक्षिप्त जीवन परिचय

    भगवान   श्री राम हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता और मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में पूजनीय हैं। वे विष्णु के सातवें       अवतार माने जाते हैं और उनके जीवन पर आधारित महाकाव्य रामायण उनकी महिमा और आदर्शों का वर्णन     करता है। उनका जीवन सादगी, धर्म, सत्य और आदर्शों का प्रतीक माना जाता है।




                                                               

                                                             संक्षिप्त जीवन परिचय:

जन्म: भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ। उनका जन्म त्रेतायुग में चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ, जिसे राम नवमी के रूप में मनाया जाता है।

परिवार: श्रीराम के तीन भाई थे - भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न।

गुरु: ऋषि वशिष्ठ ने उन्हें शिक्षा और धर्म का ज्ञान दिया।

विवाह: सीता जी से उनका विवाह हुआ, जो राजा जनक की पुत्री और देवी लक्ष्मी का अवतार मानी जाती है1वनवास: पिता दशरथ के वचन की रक्षा के लिए उन्होंने 14 वर्षों का वनवास स्वीकार किया।लंका विजय: रावण द्वारा माता सीता का हरण करने के बाद श्रीराम ने वानर सेना और भक्त हनुमान की सहायता से लंका पर चढ़ाई की और रावण का वध कर धर्म की स्थापना की।राज्याभिषेक: वनवास के बाद श्रीराम अयोध्या लौटे और रामराज्य की स्थापना की, जो न्याय, समृद्धि और धर्म का प्रतीक है।

                                                                    गुण और आदर्श:

सत्य और धर्म की रक्षा के लिए अपने व्यक्तिगत सुखों का त्याग।मर्यादा का पालन और कर्तव्यनिष्ठ!दया, प्रेम और क्षमा का महत्वसिखाया और आज के मानव के लिए भगवान श्री रामचंद्र जी ने यह बताने का प्रयास किया है कि जीवन में उतार चढ़ाव हमेशा ही बने रहते हैं  परिस्थितियों से कभी निराश नहीं होना चाहिए बल्कि इनका  डटकर सामना करना चाहिए कोई भी परिस्थिति स्थाई रूप से जीवन में नहीं रहती है जिस प्रकार दिन के बाद रात और रात के बाद दिन आता है उसी प्रकार जीवन में सुख के बाद दुख और दुख के बाद सुख आते हैं हमें कभी निराश नहीं होना चाहिए और अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए!



Lord Shree Ram

 class Ramayan:

    def _init_(self):

        self.hero = "Lord Ram"

        self.villain = "Ravan"


    def ayodhya_kand(self):

        print("Lord Ram goes to exile with Sita and Lakshman.")


    def aranya_kand(self):

        print("Sita is abducted by Ravan. Ram meets Hanuman.")


    def kishkindha_kand(self):

        print("Hanuman and Sugriva help Lord Ram to prepare for battle.")


    def sundar_kand(self):

        print("Hanuman crosses the ocean and finds Sita in Lanka.")


    def yuddha_kand(self):

        print("Lord Ram defeats Ravan and rescues Sita.")


    def return_to_ayodhya(self):

        print("Lord Ram, Sita, and Lakshman return to Ayodhya.")


# Ramayan Story Execution

ramayan = Ramayan()

ramayan.ayodhya_kand()

ramayan.aranya_kand()

ramayan.kishkindha_kand()

ramayan.sundar_kand()

ramayan.yuddha_kand()

ramayan.return_to_ayodhya()

14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं

 "चीन में हाल ही में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस  के संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं,  14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में। यह वायरस सर्दी-ज़ुकाम और कोविड-19 जैसे लक्षण उत्पन्न करता है, जैसे बुखार, खांसी, नाक बंद होना और सांस लेने में कठिनाई। संक्रमण के अधिक मामले उत्तरी चीन के प्रांतों, बीजिंग, चोंगकिंग और गुआंगदोंग में दर्ज किए गए हैं। 



BBC

भारतीय स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक के अनुसार, भारत में इस वायरस के संक्रमण के अधिक मामले नहीं देखे गए हैं, और चिंता की कोई बात नहीं है। फिर भी, सरकार स्थिति पर कड़ी नज़र रख रही है और आवश्यक एहतियाती कदम उठा रही है। 

BBC

एचएमपीवी एक सामान्य श्वसन वायरस है, जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह खांसी और छींक के दौरान निकलने वाले थूक के कणों से फैलता है। संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना, हाथ धोना और संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना महत्वपूर्ण है। 

BBC"

क्या कलियुग का अंत 2025 में होगा?

 "कलियुग का अंत और कल्कि भगवान का अवतार हिंदू धर्म में एक गहरी आध्यात्मिक और धार्मिक धारणा है। यह विश्वास है कि कल्कि भगवान, भगवान विष्णु के दसवें अवतार के रूप में, तब प्रकट होंगे जब अधर्म चरम पर होगा और धर्म का पुनर्स्थापन करना आवश्यक होगा



क्या कलियुग का अंत 2025 में होगा?

शास्त्रों के अनुसार, कलियुग का समय लगभग 4,32,000 वर्षों का होता है, और अभी तक केवल 5,000 वर्ष ही बीते हैं। इसलिए, यह कहना कि कलियुग का अंत 2025 में होगा, शास्त्रों के दृष्टिकोण से सही नहीं लगता।

क्या कल्कि भगवान का जन्म हो चुका है?

शास्त्रों में यह उल्लेख है कि कल्कि भगवान का अवतार तब होगा जब अधर्म और अन्याय चरम पर होंगे। यह समय अभी बहुत दूर है। यदि किसी स्थान पर उनके जन्म के बारे में दावा किया जाता है, तो वह धार्मिक विश्वास या अटकलों पर आधारित हो सकता है, लेकिन इसका प्रमाण शास्त्रों में नहीं मिलता।

कलियुग का अंत और कल्कि भगवान का अवतार एक गहरी धार्मिक अवधारणा है और इसे भौतिक समय के आधार पर तय करना मुश्किल है। यह ईश्वरीय लीला और मानवता के आध्यात्मिक स्तर पर निर्भर करता है

"चीन में हाल ही में ह्यूमन मेटाप्नेयूमोवायरस (HMPV) का प्रकोप

 "चीन में हाल ही में ह्यूमन मेटाप्नेयूमोवायरस (HMPV) का प्रकोपदेखा जा रहा है, जिससे लोग चिंतित हैं। यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और विशेषकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों के लिए अधिक जोखिमपूर्ण हो सकता है। 

NDTV

HMPV के लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम से मिलते-जुलते हैं, जैसे बुखार, खांसी, नाक बहना और सांस लेने में कठिनाई। गंभीर मामलों में यह निमोनिया या ब्रोंकियोलाइटिस का कारण बन सकता है। वर्तमान में, चीन के अस्पतालों में इस वायरस के कारण मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। 

NDTV

हालांकि, यह वायरस नया नहीं है; पहली बार 2001 में इसकी पहचान की गई थी। यह मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रमण से बचने के लिए हाथों की स्वच्छता बनाए रखना, भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचना और मास्क पहनना जैसे सामान्य एहतियाती उपाय सहायक हो सकते हैं।

भारत में अभी तक इस वायरस के व्यापक प्रसार की सूचना नहीं है, लेकिन सतर्क रहना आवश्यक है। यदि किसी व्यक्ति में उपरोक्त लक्षण प्रकट होते हैं, तो उसे चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए

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JAWAHAR NAVODAYA VIDYALAYA

 One upon a time I went for a week holiday in the continent in Indian friends. We both enjoyed a cell phone was sorry when the week was over...