महाकुंभ पर्व 2025 आस्था संस्कृति और सनातन एकता संगम का प्रतीक है मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को पहले अमृत स्नान करते हुए नागा साधु एवं श्रद्धालु

महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक हो रहा है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करेंगे।


सरकारी व्यवस्थाएं:

महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं, जिनमें शामिल हैं:

 श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल, सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की व्यवस्था की गई है

 मेले में चिकित्सा शिविर, एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

 सड़क, रेल और जल परिवहन के माध्यम से सुगम यातायात के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।

 स्वच्छता बनाए रखने और पेयजल की निरंतर आपूर्ति के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।

शाही  स्नान महाकुंभ का प्रमुख आकर्षण है, जिसमें नागा साधु और विभिन्न अखाड़ों के संत भव्य जुलूस के साथ संगम में स्नान करते हैं। यह स्नान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसकी तिथियां ग्रहों की स्थिति के आधार पर निर्धारित होती हैं। 

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नागा साधु वे सन्यासी होते हैं जिन्होंने संसारिक जीवन का त्याग कर दिया है और कठोर तपस्या करते हैं। वे नग्न रहते हैं और शरीर पर भस्म लगाते हैं। महाकुंभ के दौरान वे शाही स्नान में भाग लेते हैं और 17 प्रकार के विशेष श्रृंगार करते हैं। 

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नागा साधुओं की साधना और हठयोग:

नागा साधु कठोर साधना और तपस्या के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी साधना में हठयोग का महत्वपूर्ण स्थान है, जिसमें शारीरिक और मानसिक नियंत्रण के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार का प्रयास किया जाता है। हठयोग में आसन, प्राणायाम और ध्यान की विधियों का अभ्यास शामिल है, जो साधक को उच्च आध्यात्मिक अवस्थाओं तक पहुंचने में सहायता करता है।



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