आस्था के साथ खिलवाड़ तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलाई चर्बी मंदिर और पवित्र भूमि का अपमान

भारत देश के अंदर कुछ धार्मिक स्थल इतने पवित्र हैं कि वह पूरे भारतवर्ष में विख्यात है अपनी पवित्रता और चमत्कारों के लिए ऐसे में यदि कोई ऐसा सवाल उठाएं की मंदिर में आने वाले भक्तों को जो प्रसाद बांटा जाता है उसमें पशुओं की चर्बी है तब लोगों की आस्था को बहुत बड़ी ठेस पहुंचती है आइएगा जानने की कोशिश करते हैं की असली माजरा क्या ह

 
न्यूज़ एजेंसी चैनल और सोशल मीडिया पर आज यही मामला चारों तरफ नजर आ रहा है कि मंदिर के प्रसाद में चर्बी मिलकर लोगों को बांटी जा रही है प्रसाद बनाने वाला कोई कोई गैर सांप्रदायिक व्यक्ति हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने के लिए यह सारा काम कर रहे है परंतु ऐसा करने से किसी को क्या लाभ मिलने वाला है न तो लड्डू में चर्बी मिलकर किसी को कोई फायदा होने वाला है और नहीं इन लोगों को अपने धर्म से अवार्ड मिलने वाला है फिर कोई व्यक्ति ऐसा काम क्यों करेंगे आखिर इस सारे मकर जल के पीछे किसका हाथ हो सकता है जानने की कोशिश करेंगे आखिरकार कौन है इसका जिम्मेदार यहां पर हम यह देखना चाहेंगे कि तिरुपति बालाजी जैसे मंदिर का ट्रस्ट बड़ा है लाखों की संख्या में लोग यहां पर रोज आते हैं दर्शन करने के लिए और अपने आप को तिरुपति बालाजी के दर्शन करके कृतार्थ करते हैं जब दर्शन करने के लिए लाइन लगती है और पब्लिक गेट के अंदर जाती है तो सारी जिम्मेदारियां मंदिर ट्रस्ट और मंदिर प्रशासन की हो जाती हैं अब सवाल रहा मंदिर में आने वाले प्रसाद का तब मंदिर प्रशासन को इस बात की भनक क्यों नहीं लग पाई की मंदिर के प्रसाद में चर्बी है यह जो प्रसाद मंदिर प्रशासन तिरुपति बालाजी को अर्पित कर रहा है वह प्रसाद पशुओं की चर्बी से बना हुआ है इतनी बड़ी चूक मंदिर प्रशासन कैसे कर सकता है एक और सवाल हम आपसे पूछते हैं जब तिरुपति बालाजी मंदिर ट्रस्ट प्रसाद बनवाने के लिए जिस ठेकेदार को कॉन्ट्रैक्ट दिया जाता है तब कॉन्ट्रैक्ट देते समय यह सुनिश्चित क्यों नहीं किया जाता कि हमें इस ब्रांड के तेल से या इस ब्रांड के घी से ही अपने प्रसाद को बनवाएंगे अगर यह बात सुनिश्चित कर ली जाए तब ऐसी गड़बड़ कदाचित सामने नहीं आएंगे क्योंकि ठेकेदार को लगेगा के धर्म से जुड़ा हुआ मामला है अगर गड़बड़ की तब घर से बेघर होने का भी नंबर आ सकता है इन्हीं सब कर्म से मैं मानकों को पूरा करने में लगेगा और गड़बड़ करने की सोच कभी नहीं होगी परंतु जब मंदिर प्रशासन ठेकेदार को पहले ही निचोड़ लेता है तब वह मानकों को पूरा कैसे कर सकता है कुछ न्यूज़ चैनल एंकर रिपोर्टर जर्नलिस्ट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर लोग इस मुद्दे को उठाकर सांप्रदायिक मामला बनाना चाह रहे हैं जबकि यह मामला किसी भी प्रकार से सांप्रदायिक नहीं हो सकता क्योंकि धर्म के ठेकेदार कुछ चंद लोग हैं जिनके इशारों पर यह सारी घटनाएं होती हैं वह चाहे किसी भी सांप्रदाय का मामला हो कुछ चंद लोग पैसे कमाने के लिए धर्म के ठेकेदार बन जाते हैं और लोगों के आस्थाओं के साथ खेलते हैं जबकि मिलावट खोरी के मामले से सरकार भी अनजान नहीं है सरकारों तक सारी सूचनाओं जाती रहती हैं किस चीज में कितने मिलावट है यदि सरकार इस मिलावट खोरी के प्रति कोई कड़ा कदम नहीं उठाती है तब यह है चीज आगे बढ़ती रहेगी और ऐसी घटनाएं दिन प्रतिदिन होते रहेंगे इन सारी चीजों को रोकने के लिए और जनता को स्वस्थ बनाने के लिए सरकार को कड़ा कदम उठाना पड़ेगा मिलावट खोरी के प्रति यदि सरकार कड़ा कदम नहीं उठाती है तब देश की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहेगा क्योंकि चीजों में मिलावटें स्वास्थ्य में हानिकारकता कि और इशारा दे रही है इस मुद्दे को सरकार को जल्द से जल्द गंभीरता के साथ लेना चाहिए देश के सभी जिलों में फूड इंस्पेक्टर ड्रग इंस्पेक्टर का एक्टिव करना चाहिए तुरंत तभी देश में मिलावटकारी रुक सकेगी

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