स्वयंभू सिद्धपीठ झारखंडी मंदिर लोगों की आस्था का प्रतीक है यह मंदिर बिजनौर जनपद के कस्बा हल्दौर के नजदीक जंगल में स्थित है लोगों की मान्यता के अनुसार यह मंदिर 500 वर्ष पुराना है इस मंदिर में जो काले रंग का चमकदार शिवलिंग है इस शिवलिंग का प्राकृतिक उद्गम लगभग 500 वर्ष पूर्व एक मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति के खेत में हुआ था उस समय लोगों को इन सभी चीजों का ज्ञान कम था लोग इन इन चीजों से अनजान थे बुद्धिजीवी व्यक्ति 1000; 2000 में दो चार ही मिलते थे
तात्पर्य यह है कि मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति ने इस शिवलिंग को उखाड़ने की अपने खेत से उखाड़ने के भर्षक प्रयास किया परंतु उसके सारे प्रयास निरर्थक रहे धीरे-धीरे जब इस बात का पता आज पड़ोस के लोगों में लगा तब उन्होंने वहां जाकर देखा जिसमें हिंदू समुदाय के लोग भी वहां गए उन्होंने जाकर देखा की है तो शिवलिंग है इन्हें स्वयंभू भी कहते हैं तब कुछ बुद्धिजीवियों ने इकट्ठा होकर उसे खेत को उसे मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति से खरीद लिया तथा वहां पर एक भव्य मंदिर का निर्माण करने का संकल्प लिया और उसको पूरा भी किया.
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