एक जंगल जिसमें बहुत बड़े-बड़े पेड़ है जंगल के एक बहुत बड़ी और शांत नदी वह रही है जिसके चारों ओर घनघोर बन इस नदी की खासियत यह है कि जो भी जीव नदी को प्रणाम किए बगैर पानीपीने आता है यह नहाने के लिए आता है तो यह जादुई नदी अपना पानी सुखा लेती है और फिर तीनदिनों तक जंगल के किसी भी जीवजंतु को पानी नहीं मिलता है इस जंगल के बीचो-बीच एक बहुत बड़ा महल है जिस पर सफेद रंग हो रखा है तथा महल के गुंबदों पर सोने का पत्र चढ़ा हुआहै महल का सबसे बड़ा गुंबद जो सभी गुंबदों केबीचों बीच उसके ऊपर एक दिव्य मणि लगी हुई है इस मणि की की खासियत यह है कि जब सूर्य नदी केबीच-बीच से उदित होता है तब सूर्य की पहली किरण इस मणि पर ही पड़ती है इस मणिपुर सूर्य की किरण पढते ही चारों तरफ जंगल में प्रकाश उत्पन्न हो जाता है 300 वर्ष बीत चुके हैं जंगल में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था परंतुपकृति के दुश्मन मनुष्य की नजर अचानक इस जंगल पर पड़ जाती है और मनुष्य जंगल को काटने की तैयारी शुरू व्याकुल हो जाते हैं कर देते ह इस बात की पता जैसे ही नदी के राजा मगरमच्छ को लगत है मगरमच्छ बहुत परेशान हो जाता है और नदी सभी जीव व्याकुल हो जाते और सोचते हैं कि यदि मनुष्य ने जंगल काट दिया तो फिर इस नदी का अस्तित्व भी खत्म हो जाएगा और हम सब मारे जाएंगे. मगरमच्छ ने अपनी प्रजा के साथ जंगल के राजा केमहल में जाने का संकल्प लिया और जंगल के राजा शेर से सारी बात सबको बताने के लिए कहा तभी एक बूढ़ा कछुआ नदी से निकाल कर आता है और कहता है कि ठाकरे तुम जिस राजा के पास जाने के लिए कह रहे हो वह अभी सो रहा है उसकी यह नींद पिछले 300 वर्षों से लगातार चल रहीहै क्योंकि राजा पिछली जंग हार चुका था इसलिए वहअपने शरीर में शक्ति बढ़ाने के लिए अभी 300 वर्षों से लगातार सो रहा है यदि हम सब जाकर उसे इस अवस्था में उठाएंगे तो वह गुस्सा होकर हम सबको ही मार देगा इसलिए मैं तुम्हें यह दिव्या अखरोट देता हूं तुम सब में जो भी ताकतवर हो पुरी पूरी ताकत से शेर के माथे दूर से फेककर मारना और ध्यान रहे शेर औरअखरोट करने वाले के बीच की दूरी 200 मीटर से कम ना हो क्योंकि जब शेर अखरोट लगने से जागेगा उसके शरीर से दिव्या ऊर्जा उत्पन्न होगी यह इतनी भयंकर होगी जो भी जीव इसके निकट जाएगा वह खुद ही भस्म हो जाएगा और शेर की ऊर्जा भी खत्म हो जाएगी इस बात की जिम्मेदारी भालू ने ली और उसनकहा कि इस अखरोट को मैं शेर के माथे मारूंगा समस्या का समाधान होते ही सब जंगल के राजा शेरके महल की तरफ चल दिए उन्होंने सब वैसे ही किया जैसा कि बूढ़े कछुए ने बताया था अब शेर जाग चुका था शेर जाग के बाद जैसे ही उसके शरीर से उठने वाली ऊर्जा है समाप्त हुई फिर नदी का राजा मगरमच्छ शेरके सामने आया और अपनी सारी समस्याओं को शेर के सामनेरखा और प्रार्थना की की महाराज इस इस जंगल को काटने से बचा लीजिए क्योंकि यहजंगल मैं मानव का प्रवेश हो चुका है यह मनुष्य रूपी दुश्मन और यहां पर अपना शासन स्थापित कर देगा रात और रात इस जंगल को काटकर खत्म कर देगा तभी पीछे से आकर बूढ़े कछुए ने आकर कहां कीयह सब हम होने ही नहीं देंगे क्योंकि इस नदी को ऐसा वरदानमिला हुआ है
जो भी जंगल का राजा इस नदी में अमावस्या की रातको जब जब चंद्रमा शतभिषा गति पर हो उसे नक्षत्र पर यदि जंगल का राजा इस नदी में स्नान करेगा तब उसे अलौकिक शक्तियांप्राप्त हो जाएंगे और वह अजय हो जाएगा उसे इस पृथ्वी पर कोई भी नहीं हरा सकता और कल की रात अमावस्याकी रात ही है महाराज यह नक्षत्र पूरे300 साल आया है आप अपनी शक्तियों को इकट्ठा कीजिए महाराज शेर ने कहा पर रात में नदी पर जाएंगे कैसे हैं क्योंकि सारे हमारे वायुयान पिछले युद्ध में खत्म हो चुके ह और नदी के उसे स्थान पर जाना वायुयानके बगैर संभव ही नहीं है
तभी मगरमच्छ का एक मंत्री सामने आया और उसने कहा कि महाराज मेरे दादाजी नेमुझे बताया था इस महल की यह खासियत है कि यह महल पूरे जंगल को प्रकाश मन कर देता है और महल में अंधेरा रहता है मैंने उनसे पूछा कि यह किस लिए होताहै उत्तम दादा जी ने कहा कि जैसे ही नदी के बीच-बीच सेसूर्य उदित होता है तो सूर्य की पहली किरण इन 108 गुंबदों मै से जो सबसे बीच में चमचमाता हुआ सबसे बड़ा है उसे पर एक मनी लगी हुई है यह मनी ही जंगल के जीव जंतुओं को ऊर्जा प्रदान करती है और राजाकी सारी शक्तियां भी इसी मनी केअंदर होती ह जो राजा इस बड़ी को उतार कर अमावस्या के दिन इस मणि को ले जाकर मध्य रात्रि को नदी में स्नान करता है महाराजा अलौकिक शक्तियों से भरपूर हो जाता है इन बातों को सुनते ही राजा जोर से गर्जना की और तोड़कर महल के गुंबद से माणिक और लेकर आ गया राजा राजमणि को लेकर आगे आगे चल रहा है ,और जंगल कीऔर नदी की प्रजा राजा पीछे पीछे चल रही है
नदी की ओर राजा को आते हुए देख कर ड्रैकुला संपूर्ण शक्तिके साथ तैयार हो रहे हैं और राजा को नदी में स्नान करने से रोकने का पूरा प्रयास कर रहे हैं तभी नदी के राज मगरमच्छ ने राजा से कहा किआप मेरी पीठ पर मुझे कसकर पकड़ लो राजने कहा ऐसा कैसे हो सकता मैं आपको कैसे पड़ सकता ह मैं गिर सकता हूं और यदि मैं नदी में गिर गया तो यह मनी किसी काम की नहीं रहेगी और सारी अलौकिक शक्तियां इस मनीसे चली जाएगीतब मगरमच्छ ने कहा कि महाराज मनी को दिव्य शक्तियां प्राप्त होजाएगी अपने मुंह के अंदर रख लीजिए और मैं आपको शीघ्रता के सातों सेस्थान पर लेकर जहां आपको स्नान करने से दिव्य शक्तियांप्प्त हो जाएगी शेर राजा मान गया औरउसने ऐसे ही किया मगरमच्छ ने शेर को पल भरमें ले जाकर खड़ा कर दिया जहां पर ड्रैकुला उसे रोकना चाह रहे थे अब शेर ने अपने मुंह से मनी को निकाल पहले मनी को स्नान कराया और फिर स्वयं भी अपने आप स्नान किया स्नान करते ही राजा के अंदर दिव्य शक्तियां प्रकट होने लगी और दिव्य प्रकाश से चारों ओर जंगल में प्रकाश की प्रकाश होगया अब सारे ड्रैकुला दिव्य प्रकाश कोदेखते ही वहां से भागखड हुए
Very nice
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