200 पीएसी के जवान, पुलिस और वन विभाग के कई कर्मचारी भेड़ियों को पकड़ने और ग्रामीणों की सुरक्षा में लगे हुए हैं। विभिन्न विभागों, गैर सरकारी संगठनों और ग्रामीणों की करीब 100 टीमें रात भर गश्त कर रही हैं।
लोगों की हालत बहुत गंभीर है इसलिए सरकार भेड़ियों को पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आतंक का पर्याय बन चुके भेड़ियों के हमले जारी हैं। यहां की महसी तहसील में कई घटनाएं सामने आई हैं। इसी कड़ी में रविवार रात भेड़ियों के अलग-अलग हमलों में ढाई साल की बच्ची की मौत हो गई और एक बुजुर्ग महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। इसके अलावा पड़ोसी सीतापुर जिले में भी भेड़ियों के हमले की आशंका है। भेड़िए अब नए इलाकों में हमला कर रहे हैं। अब लोग सतर्क हो जाएं और जंगलों में अकेले न रहें। सरकार ने लोगों को सलाह दी है कि वे जंगल में न जाएं, अकेले भेड़िया हमला कर सकता है और लोग रात में एकता के साथ जागे
अब तक आठ लोगों की मौत
दरअसल, बहराइच की जिलाधिकारी मोनिका रानी ने सोमवार को घटनास्थल पर पहुंचकर पत्रकारों को बताया कि भेड़िये के हमले में ढाई साल की अंजलि की मौत हो गई और एक महिला घायल हो गई। जुलाई से अब तक इस हिंसक जंगली जानवर के हमले में आठ लोगों की मौत हो चुकी है।
बरसात के मौसम में हमले बढ़े हैं
दूसरी ओर महसी तहसील क्षेत्र में मार्च से ही इंसानों पर भेड़ियों के हमले हो रहे हैं। बरसात के मौसम में 17 जुलाई से हमले बढ़े हैं और हमलों में सात बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हो चुकी है और 30 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं
लोगों को बचाने और भेड़ियों को मारने के लिए सख्त कदम उठाने के लिए हरकत में यूपी सरकार
विभिन्न विभागों, गैर सरकारी संगठनों और ग्रामीणों की करीब 100 टीमें रात भर इलाके में गश्त करती हैं। 200 पीएसी के जवान, कई पुलिस और वन विभाग के कर्मचारी भेड़ियों को पकड़ने और ग्रामीणों की सुरक्षा में लगे हुए हैं।
सोमवार को वन विभाग की टीम ने हमलावर जानवर के नमूने और पदचिह्न एकत्र किए। स्थानीय लोगों का दावा है कि हमला भेड़ियों ने किया है, जबकि वन विभाग के अधिकारियों को संदेह है कि हमला गीदड़ों ने किया है। रोजीदा (30) नाम की महिला अपने तीन बच्चों के साथ घर के अंदर सो रही थी। महिला ने बच्चों को बचाने की कोशिश की, इस दौरान वह घायल हो गई और उसके हाथ पर पंजे के निशान आ गए। इसके अलावा 500 मीटर दूर स्थित मजरा कासिमपुर में दो और महिलाओं पर हमला हुआ। इन महिलाओं में 60 वर्षीय रामश्री और 65 वर्षीय कैलाश शामिल हैं, जो हमले में घायल हो गईं। ग्रामीणों ने तत्काल वन विभाग को सूचना दी और आरोप लगाया कि हमला भेड़िए ने किया है। वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पैरों के निशान और चोट के निशानों की जांच की।
दूसरी ओर महसी तहसील क्षेत्र में मार्च से ही इंसानों पर भेड़ियों के हमले हो रहे हैं। बरसात के मौसम में 17 जुलाई से हमले बढ़े हैं और हमलों में सात बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हो चुकी है और 30 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं
लोगों को बचाने और भेड़ियों को मारने के लिए सख्त कदम उठाने के लिए हरकत में यूपी सरकार
विभिन्न विभागों, गैर सरकारी संगठनों और ग्रामीणों की करीब 100 टीमें रात भर इलाके में गश्त करती हैं। 200 पीएसी के जवान, कई पुलिस और वन विभाग के कर्मचारी भेड़ियों को पकड़ने और ग्रामीणों की सुरक्षा में लगे हुए हैं।
सोमवार को वन विभाग की टीम ने हमलावर जानवर के नमूने और पदचिह्न एकत्र किए। स्थानीय लोगों का दावा है कि हमला भेड़ियों ने किया है, जबकि वन विभाग के अधिकारियों को संदेह है कि हमला गीदड़ों ने किया है। रोजीदा (30) नाम की महिला अपने तीन बच्चों के साथ घर के अंदर सो रही थी। महिला ने बच्चों को बचाने की कोशिश की, इस दौरान वह घायल हो गई और उसके हाथ पर पंजे के निशान आ गए। इसके अलावा 500 मीटर दूर स्थित मजरा कासिमपुर में दो और महिलाओं पर हमला हुआ। इन महिलाओं में 60 वर्षीय रामश्री और 65 वर्षीय कैलाश शामिल हैं, जो हमले में घायल हो गईं। ग्रामीणों ने तत्काल वन विभाग को सूचना दी और आरोप लगाया कि हमला भेड़िए ने किया है। वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पैरों के निशान और चोट के निशानों की जांच की।
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